लेखनी कहानी -22-Dec-2024
निर्धनता कहानीकार -अभिलाषा देशपांडे
ये कहानी शुरु होती है एक छोटा सा कज्बा वडाई भोई से जो नासिक मे है। वहा एक साधारण छोटी सी लडकी रहती थी। जिसका नाम था छुटकी।उसके माता पिता चल बसे थे। वो अपने नानी के घर रहती थी। उसकी नानी बहुत ही गरीब थी और इसी वजह से छुटकी पढ नही पाई थी ।
उसकी दादी अमीर थी पर उसके मा-पिताने प्रेम विवाह किया था इसलिये वो दादी इससे कोई संबंध नही रखती थी।
छुटकी के सपने बडे थे। धीरे-धीरे वो बडी हुई और जो भी उसने पैसे जोडे थे उससे उसने एक स्मार्ट फोन लिया था और वो इंस्टाग्राम पर रील बनाने लगी। वो मशहूर हुई और उसने अपनी नानी को एक बडा घर गिफ्ट किया था।
उसकी नानी भी बहुत खुश थी उसकी सफलता से,लेकिन उसकी सफलता को किसी की नजर लग गई और उसका अँक्सीडेंट हो गया उसमे उसको गंभीर चोटे आई थी जिससे वो इंस्टाग्राम पर काम नही कर पाई फिर कुछ दिनो मे दर्द सहय था तो उसी मे उसकी मौत हो गई ।
तात्पर्य- ईश्वर सबको अपने पात्रता के हिसाब से ही योग्य देता है। धन के मोह मे अंधे नही होना चाहिये। उससे आपकी बुद्धि भ्रमित हो जाती है । इसलिये ही निर्धन व्यक्ति धनवान से ज्यादा खुश होता है क्योंकि वहा ईश्वर बसते है।
hema mohril
07-Feb-2025 06:59 AM
v nice
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Anjali korde
23-Jan-2025 05:59 AM
👌👌👌
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RISHITA
20-Jan-2025 05:34 AM
👌👌👌👌
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